BREAKING NEWSHARYANAPOLITICALREWARI

Haryana News: करोडों खर्च करने के बावजूद रेवाड़ी को स्वच्छता रैंकिंग क्योंं गिरा, जानिए मुख्य कारण

 

Haryana News:  हरियाणा के जिला रेवाड़ी की रेवाड़ी नगर परिषद, बावल धारूहेड़ा में प्रतिमाह डेढ करोड रुपये खर्च होने के बाद भी सफाई की स्थिति काफी बदहाल बनी हुई है। स्वच्छता पर पर अधिकारी कितने सचेत है इस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। ठेकेदारो से मिलकर अधिकारी जेब भरने लगे हुए है। यही कारण है कि स्वच्छता रैंकिंग में रेवाड़ी जिला लगातार पिछड़ रहा है।

 

रेवाड़ी शहर की स्वच्छता रैंकिंग 2020 में 118, 2021 में 190, 2022 में 140, 2023 में 258 दर्ज की गई थी। सफाई की यह स्थिति काफी चिंताजनक हैं।

बता रेवाडी में अकेले नालों की सफाई पर सालाना 35 से 40 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। कूडा उठाने के लिए डोर टू डोर वाहन लगाए है। कर्मचारी गलियों मे सफाई करके वाह वहान लूट रहे है। विधायक ने हर रविवार का को झाडू उठाई हुइ है लेकिन रिजल्ट क्या मिलां

Ownership Scheme
Ownership Scheme:केंद्र सरकार ने शुरू की स्वामित्व योजना! जानें क्या है पूरी स्कीम

अगर इसी रैकिंग पर रहना तो हर साल क्यों लाखो रूपए पानी की बहाया जा रहा है। बडा सवाल है कूडा का समय पर निस्तारण क्यो नहीं । इसके लिए जिम्मेदार चुप क्यो है।

जगह जगह बने है डंपिग यार्ड: हर साल सफाई कर्मचारी कर्मचारियों को निममित करन की मांग पर धरने पर रहते है। कूडा उठाने का ठेका हर साल महंगा होता जा रहा है। नियमित सफाई के अभाव में नालियां गंदगी से पटी हैं।

नपा ने करवाई मुनादी, कूड़ा फैंकने वालों की अब खैर नहीं

नपा ने करवाई मुनादी, कूड़ा फैंकने वालों की अब खैर नहीं

सफाई व्यवस्था लचर होने से शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। प्रतिमाह 50 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। इसके बाद भी सफाई व्यवस्था बदहाल है। लोगों को कूड़े कचरे से निजात नहीं मिल रही है।

रेवाड़ी शहर की स्वच्छता रैंकिंग 2020 में 118, 2021 में 190, 2022 में 140, 2023 में 258 दर्ज की गई थी। सफाई की यह स्थिति काफी चिंताजनक हैं।

रेवाड़ी शहर की स्वच्छता रैंकिंग

वर्ष रेवाड़ी बावल धारूहेड़ा

Free Ration Yojana
Free Ration Yojana: सरकार ने रातों-रात बदल दी मुफ्त राशन योजना, अब अनाज पाने का ये होगा नया नियम

2020 118 :: 112 :: 141
2021 190 :: 472 :: 123
2022 :: 140 :: 35 :: 16
2023 :: 258 ::: 246 :: 186

शहर से रोजाना 100 से 110 टन कूड़ा निकलता है। नगर परिषद के पास जितनी सफाई गाड़ियां व ई-रिक्शा हैं, उनसे यह कूड़ा उठाना मुश्किल है। सफाई कर्मचारियों की भी संख्या पर्याप्त नहीं है। शहर में करीब 31 वार्ड हैं। यहां की आबादी पौने तीन लाख की आबादी है। यही कारण है कि कम संसाधन और अधिक जनसंख्या के कारण हमेशा शहर में जगह-जगह कूड़े के डंप ही देखने को मिलते हैं।

 

जगह जगह लगे है कूड़े का ढेर: ऐसा नहीं है कि सफाई नहीं की जा रही है। कहीं न कही जागरूकता भी इस अभियान को लेकर आडे आई हुई है। लोग सुबह सुबह कूड लेने वाले का कूडा कम तथा थैलियो में डालकर बाहर फैकने वाली की संख्या है। ऐसे मे कूडा सफाई करने वाले कर्मचारी कूडा नहीं उठाना पडे उसे आग के हवाले कर देते है।

सफाई व्यवस्था चरमराई: इस साल रेवाड़ी में विधायक लक्ष्मण सिंह यादव बने स्वयं भी सफाई अभियान में लगे हुए है। हर रविवार को अभियान चलाया जा रहा है। इतना ही नहींइसमें लोगों का सहयोग मिल रहा है। कई सामाजिक संगठन सफाई को लेकर सहयोग कर रहे हैं। इसके बाद भी कामयाबी नहीं मिल रही है। हर साल व्यवस्था बिगडती ही ज रही है।

DA Hike
DA Hike: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी अपडेट! कितने प्रतिशत DA को मिली मंजूरी, जानें पूरी खबर

डस्टबीन गायब: कहने के तो नपा की ओर से शहर में डस्टबीन लगे हुए है। ताकि लोग कूडा बाहर फैकने की बजाह डस्टबीन में डाल सके।

WhatsApp Group Join Now
Google News Join Now
Back to top button